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मुख्यमंत्री ने हर विभाग को दिए पन्द्रह माह की कार्य योजना बनाने के निर्देश

👤 admin5 | Updated on:8 May 2017 11:37 AM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता

रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़े सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को विभागीय योजनाओं के बेहतर त्रिढयान्वयन के लिए अगले पन्दह महीने की कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य स्तर पर हमने 18 महीने की कार्य योजना बनाकर समीक्षा शुरू कर दी है। इसमें से तीन माह का समय पूरा हो गया है। अब हर जिले में आगामी 15 महीने की जिला स्तरीय कार्य-योजना बनाकर योजनाओं में तेजी लाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री आज जिला मुख्यालय महासमुंद में लोक सुराज अभियान के तहत महासमुंद और गरियाबंद जिलों के अधिकारियों की संयुक्प समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा - पदेश व्यापी लोक सुराज अभियान के तहत मैदानी स्तर पर हम लोग योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं। लोक सुराज अभियान के बाद सरकार विभागीय समीक्षाओं का स्वरूप बदलेगी। राज्य सरकार हर जिले में इस अभियान पर आधारित रिपोर्ट तैयार करवा रही है। लोक सुराज अभियान की इस रिपोर्ट के आधार पर निकट भविष्य में विभागवार समीक्षा के नये बिन्दु तय किये जाएंगे। डॉ
. रमन सिंह ने कहा - भविष्य में होने वाली जिलेवार समीक्षा बैठक में जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़े हर विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ आंकड़े और अध्ययन करके बैठकों में आना होगा और अपने विभागीय काम-काज का पस्तुतिकरण देना होगा। योजनाओं को धरातल पर अमलीजामा पहनाने में अधिकारियों का पदर्शन कैसा रहा
, इस आधार पर पत्येक अधिकारी का मूल्यांकन किया जाएगा। डॉ. रमन सिंह ने कहा लोक सुराज अभियान योजनाओं के त्रिढयान्वयन की जमीन हकीकत को जानने का अभियान है। अधिकारियों को अपने शासकीय कार्यों का स्वयं होकर मूल्यांकन और आत्म निरीक्षण करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने दोनों जिलों के अधिकारियों से सौर सुजला योजना
, पधानमंत्री उज्ज्वला योजना, पेयजल व्यवस्था, विद्युतीकरण, मनरेगा, वृक्षारोपण, आंगनबाड़ी, आधार कार्ड, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, तेंदूपत्ता बोनस वितरण, आय-निवास- जाति पमाण वितरण, स्मार्ट कार्ड वितरण, स्किल डेवलपमेंट एवं स्वच्छ भारत मिशन सहित अन्य पमुख योजनाओं की पगति की जानकारी ली। उन्होंने संस्थागत पसव की समीक्षा के दौरान कहा कि ऐसे स्कूल जो युक्पियुक्पकरण के तहत बंद हो चुके है
, उनके खाली भवनों का उपयोग स्वास्थ्य विभाग के लिए किया जाना चाहिए। इन भवनों में इलाज की पाथमिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं। संस्थागत पसव के लिए भी इन भवनों का उपयोग किया जा सकता है। डॉ. रमन सिंह ने राजस्व, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि हाई स्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूलों के सभी बच्चों को निवास
, आमदनी और जाति पमाण पत्र 30 जून तक जारी कर दिए जाए। पमाण पत्र ऐसा बने, जिसे लेकर बच्चों को भविष्य में भटकना न पड़े। उन्होंने दोनों जिलों की विद्युत व्यवस्था की समीक्षा करते हुए ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं की भी जानकारी ली। डॉ. सिंह ने सौर सुजला योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था करने में भी सपल साबित होगी। उन्होंने पेयजल की कमी वाले गांवों में दो
-दो, तीन-तीन सोर्स तलाश करके सोलर पंप के माध्यम से लोगों को पीने और निस्तारी के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे गांवों में राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत पानी की टंकियां भी बनाई जा सकती है। इससे बिजली बिल की समस्या भी दूर हो जाएगी। डॉ. सिंह ने दोनों जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाप कार्रवाई करने और ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए। डॉ
. सिंह ने इस दिशा में दोनों जिलों में पशासन द्वारा उठाए गए कदमों की तारीप की। उन्होंने बैठक में स्वच्छ भारत मिशन, पधानमंत्री आवास योजना, सौर सुजला योजना, आगामी मानसून के दौरान हरियर छत्तीसगढ़ वृक्षारोपण अभियान, नये शिक्षा सत्र में स्कूली बच्चों के लिए पाठ्य पुस्तक और गणवेश वितरण की व्यवस्था सहित सभी पमुख योजनाओं की समीक्षा की।

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