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दिग्विजय ने कहा, 'भगवान राम को मंदिर में ले आए पर नीरव मोदी को न ला पाए'

👤 Veer Arjun | Updated on:6 Feb 2024 6:04 AM GMT

दिग्विजय ने कहा, भगवान राम को मंदिर में ले आए पर नीरव मोदी को न ला पाए

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नई दिल्‍ली। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का मुद्दा भी उठाया.

बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी का नाम लेकर वह बोले, "अभी इन्होंने जो भाषण दिया है, वह मूलरूप से उसी विचारधारा पर था जिससे वह आते हैं. अंग्रेजों ने फूट डालो राज करो की नीति से इस देश में राज किया. उसी से प्रेरणा लेकर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश में राज कर रहे हैं. उनका भाषण इसी पर केंद्रित था."

कांग्रेस के सीनियर नेता ने बीजेपी के संदर्भ में यह भी बताया, "इन्होंने 500 साल बाद भगवान राम को उनका स्थान दिलाया. नरेंद्र मोदी इतने महान हैं कि 500 साल बाद भगवान राम को मंदिर में ले आए पर नीरव मोदी जैसे लाखों करोड़ रुपये लेकर भागे लोगों को वापस नहीं ला पाए. कहां हैं ये लोग...? आपने जो वादा किया था कि काला धान वापस लाएंगे, भगोड़ों को वापस लाएंगे...वे कहां है? इन्होंने पहले हिंदुओं-मुस्लमानों को बांटा. अब वे भगवान राम के भक्तों को बांट रहे हैं."

राम मंदिर पर भी दागे सवाल

दिग्विजय सिंह ने आगे राम मंदिर का जिक्र किया और बीजेपी पर जुबानी हमला बोला. उन्होंने कहा कि "ये लोग नारा देते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन जहां बाबरी मस्जिद तोड़ी वहां मंदिर नहीं बनाया गया. जहां कांग्रेस पार्टी ने भूमि अधिग्रहीत की थी और शिलान्यास कराया था, वहां मंदिर बनाया.

मंदिर वहीं बनाएंगे नारे के पीछे इनका मकसद यही था कि जब तक मस्जिद नहीं तोड़ेंगे तब तक इनका उद्देश्य पूरा नहीं होगा. यही भारत जोड़ो यात्रा में हम लोगों ने नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो के उद्देश्य से चल रहे हैं."

'नरेंद्र मोदी हर पहलू पर विफल'

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम यह भी बोले, "पीएम मोदी हमेशा कहते हैं कि सबका साथ, सबका विकास. उन्होंने बाद में इसमें जोड़ा सबका विश्वास और अब कह रहे हैं कि सबका प्रयास. मैं कहना चाहता हूं कि हर पहलू पर वह विफल हैं. हां, उन्होंने बहुत सारी सफलताओं का उल्लेख किया है मगर वे योजनाएं कांग्रेस पार्टी की ओर से शुरू की गई थीं जिन्हें अलग-अलग नाम दे दिए गए."

बीजेपी के वोट शेयर का किया जिक्र

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के मुताबिक, "ये लोग (भाजपाई) सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं लेकिन ये कुछ का साथ और कुछ का विकास और कुछ का विश्वास से ज्यादा नहीं बढ़ पाए. ये बड़े नतीजों की बात करते हैं. 200 पार, 300 पार मगर प्रतिशत वोट 40 से भी कम आते हैं इसलिए ये किसने कह दिया कि सबका साथ सबका विश्वास. विश्वास तब होगा जब इस देश के हर वर्ग और हर धर्म का पालन करने वालों का ये विश्वास जीतेंगे."

EVM को लेकर EC पर भी बरसे

दिग्विजय सिंह ने कहा कि "नरेंद्र मोदी के तीन ब्रह्मास्त्र (हथियार) हैं. पहला- ईवीएमस, दूसरा- धर्मांधता (मन की वह अवस्था है जिसमें व्यक्ति हठपूर्वक और असहनशीलता दिखाते हुए बाकी नस्ल, राष्ट्रीयता, लिंग, यौन अभिविन्यास, सामाजिक आर्थिक स्थिति, विशेषकर धर्म के व्यक्तियों को नापसंद करता है) और तीसरा- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), इनकम टैक्स (आईटी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए). भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. इसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी कहा जाता है लेकिन इसके लिए निष्पक्ष चुनाव जरूरी है. आज लोगों के मन में ईवीएम को लेकर विश्वास कम होता जा रहा है. प्रदर्शन हो रहे हैं.

"ईवीएम से प्यार है तो हमारे हाथ में..."

कांग्रेसी नेता के अनुसार, 28 राजनीतिक पार्टियों ने कुछ प्रश्न चुनाव आयोग के सामने रखे थे. क्या चुनाव आयोग का व्यवहार निष्पक्ष है...? इन पार्टियों ने चुनाव आयोग से मिलने का समय मांगा पर आयोग को मिलने का समय तक नहीं मिला. हम ऐसे आयोग पर कैसे भरोसा करें? पूरे विश्व में सिर्फ 5 देश ही ऐसे हैं जहां ईवीएम से चुनाव होता है लेकिन इन देशों में जो सॉफ्टवेयर डाला जाता है वह पब्लिक डोमेन में है.

भारत में ऐसा क्यों नहीं है? हर कोई मांग कर रहा है कि हमें ईवीएम नहीं चाहिए. उस समय चुनाव आयोग ईवीएम से वोटिंग की बात कह रहा है. आप या तो बैलेट पेपर से चुनाव कराएं या अगर आपको ईवीएम से प्यार है तो हमारे हाथ में वीवीपैट स्लिप दे दीजिए, हम जाकर उसे मतपेटी में डाल देंगे."

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