मलजल को वसुंधरा के नालों में जाने से रोकें: एनजीटी
नई दिल्ली, (वीअ)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गाजियाबाद नगर निगम को निर्देश दिया है कि वह वसुंधरा के नालों में जाने वाले मलजल (अपशिष्ट मिला दूषित जल) को तत्काल रोके।
न्यायमूर्ति जावेद रहीम ने निकाय प्रशासन को वसुंधरा के सेक्टर 16 स्थित बारिश के नालों को साफ करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही निकाय प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वह पास में स्थित प्रहलादगढ़ी गांव के सीवरों से आने वाले मलजल से इन्हें मुक्त रखे।
विशेषज्ञ सदस्य नगीन नंदा वाली इस पी" ने कहा, "यह काम जल्द से जल्द किया जाना चाहिए और इसके लिए अधिकतम समय सीमा आज से 10 दिन की है। इस संबंध में अनुपालन की जानकारी गाजियाबाद नगर निगम के वरिष्"तम अधिकारी 29 मई को एक अभ्यावेदन के माध्यम से दायर करें।''यह आदेश दरअसल याचिकाकर्ताओं के वकील के इस दावे के बाद आया है कि मानसून जल्दी ही आने वाला है और बारिश के पानी के नाले के बंद होने के कारण पूरा इलाका मलजल से भर जाएगा।उन्होंने कहा कि इससे बहुत मुश्किल होगी और पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा। इससे स्थानीय लोगों की सेहत पर खासतौर पर बुरा असर पड़ेगा।मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी।वसुंधरा के निवासियों की ओर से दायर याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि गाजियाबाद में बारिश के जल के लिए बना नाला खुले सीवर के रूप में तब्दील हो चुका है। निवासियों ने इस नाले के रखरखाव और इलाके के सभी नालों को साफ करने के निर्देश की मांग की थी।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि ये नाले सालभर जाम रहते हैं और सीवर का हानिकारक मलजल सड़कों पर बहता रहता है। इससे "बेहद जहरीली गैसें'' निकलती हैं, जिससे निवासियों की जिंदगियों पर संकट पैदा होता है।