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सभी के लिए संकल्प

👤 Veer Arjun | Updated on:15 April 2024 6:15 AM GMT

सभी के लिए संकल्प

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सभी के लिए संकल्प प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को लोकसभा चुनाव के लिए गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के सशक्तीकरण पर केन्द्रित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का घोषणा पत्र जारी करते हुए इस बात पर बल दिया कि जब दुनिया अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है तो भारत में पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार की जरूरत है। भाजपा के घोषणा पत्र में किसी धर्म या जाति के प्रति किसी तरह का संकल्प नहीं दिखता। गरीब, युवा, किसान और महिलाओं का मतलब उनका सभी धर्मो से इस वर्ग के लोगों से है।

यदि 70 वर्ष से ऊपर के सभी बुजुर्गो को आयुष्मान भारत के तहत लाने की बात की गईं है तो गरीब हों या अमीर सभी वर्ग के बुजुर्गो को शामिल किया गया है। बसपा के कार्यंकारी अध्यक्ष आकाश आनंद की एक बात बड़ी ही प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा कि मुफ्त की रेवड़ी देकर अफीम चटाने से किसी भी जरूरतमंद की सही मायने में मदद नहीं हो सकती। भाजपा के घोषणा पत्र में चिह्न्ति वर्ग को सशक्त बनाने की जो बात कही गईं है, उसका मतलब उन्हें कौशल विकास, आर्थिक सुविधाआंे, स्टार्टअप एवं निवेश के जरिए सशक्त बनाने की बात कही गईं है। उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास और विभिन्न योजनाओं के तहत जब फायदे पहुंचाएं जाते हैं तो उससे यह विमर्श नहीं बनाना चाहिए कि योजनाएं किसी धर्म विशेष या जाति विशेष के लिए हैं। शासक की दृष्टि में ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’की नीति अपनाना चाहिए ताकि ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे भवन्तु निरामया:’ की कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना को पूरा किया जा सके। शासक का अपना धर्म एक ही होता है और वह है प्रजा का निष्पक्षभाव से पालन व विकास। इसके अतिरिक्त उसका कोईं और धर्म नहीं होता। उसके लिए सभी धर्म समान हैं।

भाजपा के घोषणा पत्र में एक बात और बड़ी प्रमुखता से कही गईं है कि दुनिया में जब अनिश्चितता का माहौल है तो भारत में पूर्ण बहुमत की सरकार पैसले लेने में सक्षम है। यह सच है कि किसी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण उसे न्यूनतम साझा कार्यंव्रम बनाकर सरकार चलाने पर मजबूर होना पड़ता है और ऐसी स्थिति में वह कोईं भी साहसिक पैसला नहीं कर सकता। भाजपा ने अकेले ही पूर्ण बहुमत हासिल करने के कारण ही अपने तीनों एजेंडे अनुच्छेद 370, राममंदिर और समान नागरिक संहिता पर पैसले लेने का साहस जुटा पाईं। बहुमत की सरकारों का एक फायदा यह भी होता है कि शत्रु राष्ट्र खुराफात करने से डरते हैं जबकि निवेशकों में विश्वास की भावना पैदा होती है। यही कारण है कि घोषणा पत्र जारी करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पूर्ण बहुमत की बात की। वैसे तो लोकतंत्र का कोईं विकल्प नहीं है कितु प्राय: देखा गया है कि जिन देशों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से सरकारें नहीं चलतीं वहां विकास दर ज्यादा स्थिर दिखती हैं।

कितु एक सच यह भी है कि अलोकतांत्रिक देश में वैसी स्थिरता, समावेशी और शांतिपूर्ण माहौल नहीं मिलता जैसा कि लोकतांत्रिक देशों में मिलता है। लोकतांत्रिक देशों की मुसीबत तब पैदा होती है जब किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता। सरकार में शामिल सभी पार्टियां अपने हितों के लिए ऐसा व्यवहार करती हैं कि लोकतांत्रिक मर्यांदाएं टूटने पर मजबूर होती हैं। इसीलिए राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि किसी भी पार्टी की सरकार आए वह स्पष्ट बहुमत हासिल करे तभी देश का समुचित विकास और सुरक्षा की गारंटी संभव है। फिलहाल घोषणा पत्र किसी भी पार्टी का हो वह सभी वर्गो के लिए संकल्प पत्र होना चाहिए और उसे पूरा भी किया जाना चाहिए ताकि मतदाता उस पर भरोसा भी कर सकें।

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