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सपा और बसपा क्या मौका तलाश रही हैं?

👤 Veer Arjun | Updated on:25 April 2024 5:59 AM GMT

सपा और बसपा क्या मौका तलाश रही हैं?

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—अनिल नरेन्द्र

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ ठावुर बिरादरी के नेताओं का गुस्सा दिख रहा है। पार्टी ने इस बिरादरी के उम्मीदवारों को उम्मीद से कम टिकट दिए हैं। इससे ठावुरों में नाराजगी की खबरें आ रही हैं। अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है। अखबार लिखता है कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को इस नाराजगी में अपने लिए मौका नजर आ रहा है और वे ऊंची जातियों के उम्मीदवारों से संपर्व बढ़ाने की कोशिश में लग गईं है। खबर के मुताबिक रविवार को गाजियाबाद में मायावती ने एक रैली में भाजपा पर क्षत्रियों (ठावुर, राजपूत) की अनदेखी का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने टिकट बंटवारे में हर समुदाय को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। अखबार लिखता है कि गाजियाबाद के बीएसपी उम्मीदवार नंद किशोर पुंडीर ठावुर हैं जबकि बागपत के बीएसपी उम्मीदवार प्रवीण बंसल गुर्जर हैं। मायावती ने कहा यूपी की ऊंची जातियों में क्षत्रिय समुदाय के लोगों की आबादी काफी ज्यादा है और ये देखना निराशाजनक है कि इस बिरादरी को समर्थन देने का दावा करने वाली भाजपा ने उत्तर प्रदेश खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उन्हें काफी कम टिकट दी है। उन्होंने कहा गाजियाबाद में हमने क्षत्रिय उम्मीदवार को टिकट दिया है। पहले हमने पंजाबी कैंडिडेट उतारा था लेकिन फिर हमें लगा कि उनकी संख्या लखीमपुर खीरी में ज्यादा है इसलिए वहां हमने पंजाबी सिख उम्मीदवार को टिकट दिया। मायावती ने कहा कि वो क्षत्रिय समुदाय की उन महापंचायतों का समर्थन करती हैं जो उन पार्टियों का समर्थन करने की बात कर रही हैं जो ठावुर उम्मीदवार उतार रही हैं। मायावती का ये बयान सपा प्रमुख अखिलेश यादव के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने अपनी रैलियों में ठावुरों की मौजूदगी पर टिप्पणी की थी। उन्होंने नोएडा की एक रैली में कहा था मैं उनके सिर पर सम्मान की पगड़ी देख रहा हूं जो लोग पारंपरिक रूप से दूसरे दलों के लिए वोटिंग करते थे, वे आज यहां हैं। मैं उनकी राजनीतिक चेतना के प्रति आभारी हूं। इस बार वो साइकिल का समर्थन करने जा रहे हैं।

बीएसपी ने गौतमबुद्ध नगर में क्षत्रिय समुदाय के राजेन्द्र सोलंकी पर दांव लगाया है। सोलंकी ने कहा है कि इस सीट पर 4.5 लाख वोटर हैं। बीएसपी उनसे जुड़ने की पूरी कोशिश कर रही है। पिछले शुव्रवार को यूपी की जिन आठ सीटों पर वोटिंग हुईं उनमें सिर्प एक ठावुर उम्मीदवार वुंवर सर्वेश सिंह को मुरादाबाद सीट पर भाजपा ने टिकट दिया था। मतदान के बाद सर्वेश सिंह का निधन हो गया था। 26 अप्रैल को जिन आठ सीटों पर वोटिंग होगी उनमें भाजपा की तरफ से कोईं भी ठावुर उम्मीदवार नहीं है। इन उम्मीदवारों में दो ब्राह्मण, दो वैश्य, एक गुर्जर और एक जाट बिरादरी के उम्मीदवार हैं। पश्चिमी यूपी में ठावुर बिरादरी के जिस बड़े नेता का इस बार भाजपा की ओर से टिकट काटा गया। उनमें भारतीय सेना के पूर्व अध्यक्ष जनरल वीके सिंह शामिल हैं। भाजपा के एक बड़े नेता ने बताया कि पार्टी के बीच असंतोष का अहसास हो गया है। पार्टी के कईं वरिष्ठ नेता ठावुरों को मनाने में जुट गए हैं ताकि ठावुरों की वोटों का नुकसान कम से कम हो।

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