Home » संपादकीय » जाधव के बहाने खुली पाक की कलई

जाधव के बहाने खुली पाक की कलई

👤 admin6 | Updated on:21 May 2017 3:41 PM GMT

जाधव के बहाने खुली पाक की कलई

Share Post

आदित्य नरेन्द्र

भारत सरकार द्वारा भारत में गड़बड़ी कराने के आरोपों से परेशान पाक सरकार को इसका कुछ न कुछ जवाब तो देना ही था। वह चाहता था कि जिस तरह से भारत के लगाए आरोपों के चलते विश्व में पाक की छवि धूमिल हो रही है उसी तरह से भारत की छवि भी धूमिल होनी चाहिए। शायद उसे यही एक ऐसा इकलौता रास्ता मिला जिस पर चलकर वह खुद को पीड़ित दिखाते हुए भारत के आरोपों का काउंटर कर अपनी इज्जत बचा सकता था। उसके इसी प्रयास के चलते सरबजीत बलि चढ़ गया और देश हाथ मलते रह गया। परिणामस्वरूप पाक का हौसला बढ़ा और दुनिया के सामने कुलभूषण जाधव का मामला आया। पाक की सैन्य अदालत ने जाधव पर बलूचिस्तान में गड़बड़ी कराने का आरोप मढ़कर उसे फांसी की सजा सुना दी। यही वह बिन्दु था जहां से केंद्र सरकार तुरन्त हरकत में आई और जाधव की प्राण रक्षा के लिए सभी हर संभव कदम उठाने की बात कही। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी जाधव को पूरे देश का बेटा बताते हुए पाकिस्तानी सरकार को चेतावनी दे दी। जाधव के मसले पर अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जितना शोर मच रहा था पाक के हुक्मरान उतने ही खुश थे। वह सोच रहे थे कि विश्व के कई देश उसकी सैन्य अदालत के निर्णय को सही ठहराएंगे और पाक में गड़बड़ी कराने के भारत के खिलाफ उसके आरोप और भी पुख्ता हो जाएंगे। चूंकि झूठ के पांव नहीं होते इसीलिए शायद पाक यह भूल गया कि देर-सबेर सच सामने आ ही जाता है। वह यह भी भूल गया कि अब भारत में मोदी सरकार है जिसमें सुषमा स्वराज जैसी अत्यंत सक्रिय विदेश मंत्री हैं जो पहले भी कई मामलों में विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों की सहायता कर चुकी हैं। हालांकि यह एक अलग किस्म का मामला था और पाक सरकार ने शायद इसे अपनी मनमर्जी से निपटाते हुए सोचा होगा कि ऐसे मामलों में जैसा कि प्राय होता है भारत सरकार भी सुरक्षित रुख अख्तियार करेगी। यही पाक सरकार की सबसे बड़ी गलतफहमी साबित हुई। इसी गलतफहमी के चलते पूरे विश्व में न केवल पाक सरकार की छीछालेदर हो रही है बल्कि जाधव के बहाने भारत द्वारा पाक में गड़बड़ी कराने के उसके आरोपों की कलई भी खुल चुकी है। जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाए जाने के खिलाफ याचिका पर हेग के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव के भारतीय जासूस होने के पाक के दावे को सही नहीं मानते हुए अंतिम फैसला सुनाए जाने तक जाधव की फांसी पर रोक लगाए रखने का आदेश दिया है। इससे अंतर्राष्ट्रीय जगत में पाक की खासी किरकिरी हो रही है। वियना संधि के तहत भारत को जाधव तक कॉन्सुलर एक्सेस न देना भी पाक के खिलाफ गया। एक साधारण आदमी भी समझ सकता है कि यदि भारत को जाधव तक पहुंचने का मौका मिल जाता तो पाक के कथित आरोपों की हवा निकल जाती। अब जाधव तक भारत की पहुंच की संभावनाओं को भांपते हुए पाक ने कहा है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता। उधर भारत ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के आदेश को पाक पर बाध्यकारी बताते हुए कहा है कि सरकार जाधव की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। अब सवाल यह है कि यदि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का आदेश पाक के ऊपर बाध्यकारी है तो देर-सबेर भारत की पहुंच जाधव तक हो ही जाएगी और इसके बाद दुनिया को पता चल जाएगा कि जाधव कब और किन परिस्थितियों में पाक तक पहुंचा। इसी आशंका के चलते पाक में हड़कंप मचा हुआ है। कोई पाक सरकार की खराब रणनीति पर सवाल उठा रहा है तो कोई पाकिस्तान का पक्ष पेश करने वाले खाबर कुरैशी के चयन पर ही नाराजगी जताते हुए कह रहा है कि जैसे ही पाकिस्तान को पता चला कि भारत उसके खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का न्यायाधिकार लागू करेगा, उसे उससे हट जाना चाहिए था। यह बहस तो अभी कुछ दिनों तक वहां चलती रहेगी लेकिन यह तय है कि जाधव मामले से भारत सरकार को एक ऐसा मौका मिल गया है जिसके जरिये वह पाक द्वारा पड़ोसी देशों में आतंकी गतिविधियां चलाने और उलटा पीड़ित देशों पर ही आरोप मढ़ने की रणनीति को दुनिया के सामने उजागर कर उसका चेहरा बेनकाब कर सकती है।

Share it
Top