तिलमिलाहट
तिलमिलाहट राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की प्रत्याशी मीसा भारती ने बृहस्पतिवार को धमकी दी कि यदि उनकी सरकार केन्द्र में आईं तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जेल में डाल देंगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इसी तरह का इरादा व्यक्त करते हैं। वुछ दिनों पहले तो राहुल ने यहां तक कह दिया था कि मोदी को जनता डंडे मारेगी। 6 महीने बाद जेल से बाहर निकलने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिह कहते हैं कि किसी भी राज्य में यदि प्रधानमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया जाएगा तो उन्हें भी थाने-थाने दौड़ना पड़ेगा। समझ से परे की बात है कि ये सब एक बात कहना चाहते हैं कि विपक्षी नेता भ्रष्टाचार करें तो भी उनके खिलाफ कार्रवाईं नहीं होनी चाहिए। मौजूदा वक्त में जो कार्रवाईं की गईं है उसका कोईं आधार नहीं है, उसके लिए केन्द्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है।
इन नेताओं की हताशा, तिलमिलाहट और गलत विमर्श गढ़ने का यह अद्वितीय तरीका है। इनसे कोईं पूछे कि क्या अब तक जितनी भी भ्रष्टाचार संबंधी कार्रवाईं हुईं है, उन्हें प्रधानमंत्री ने ही करवाईं है। क्या लालू प्रासाद यादव के खिलाफ तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव ने सीबीआईं से कार्यंवाही कराईं थी जिसके कारण उन्हें चारा घोटाले के मामले में जेल जाना पड़ा था। राहुल गांधी को भी लगता है कि प्रधानमंत्री ही जांच प्रक्रिया और कानूनी प्रक्रिया को चलाता है। इसका मतलब तो यह हुआ कि पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा जी, राजीव गांधी और मनमोहन सिह के कार्यंकाल में जो वुछ जांच प्रक्रिया और न्यायिक प्रक्रिया चली वह उन प्राधानमंत्रियों के कारण हुआ ये विपक्षी बेचारे विमर्श बनाते-बनाते खुद ही विमर्श के विषय बनते जा रहे हैं क्योंकि वह एक तथ्य को मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि वे भ्रष्टाचार के आरोपों का न तो अदालत में सही जवाब दे पा रहे हैं और न जनता को इसलिए अल्लबल्ल बोल रहे हैं।