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करोड़ों की लागत से बने नल्हड मेडिकल कॉलेज में दवाइयों का टोटा

👤 admin 4 | Updated on:25 May 2017 5:50 PM GMT
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नूंह, गुरूदत्त भारद्वाज। नूंह मेवात जिले के नल्हड गांव की करीब 94 एकड़ भूमि में 500 करोड़ रुपये की लागत से बना राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कालेज नल्हड मरीजों के लिए सपक्केद हाथी साबित हो रहा है। दवाइयों से लेकर डॉक्टरों की कमी भी किसी से छुपी नहीं है। इस आलिशान अस्पताल में बुखार और सिरदर्द की गोली भी नहीं होने से मरीजों और उनके तीमारदारों को जेब ढीली करनी पड़ रही है। मेडिकल कालेज के गेट के बाहर ही करीब दर्जनभर मेडिकल स्टोर खुले हुए हैं। मेडिकल स्टोर कालेज में दवाई नहीं मिलने के कारण महंगे दामों पर दवाई बेच रहे हैं। डॉक्टरों से लेकर मरीज तक दवाई नहीं होने से परेशान हैं। मेडिकल कालेज से इलाके के लोगों को बड़ी उम्मीद थी , लेकिन अव्यवस्था की वजह से लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। दवाई के अभाव में लोगों को जेब तो ढीली करनी ही पड़ रही है ,कई की जान पर भी दवाइयों की कमी भारी पड़ रही है। स्टाफ , दवाई से लेकर स्वच्छता की कमी से स्वस्थ लोग भी अस्पताल में बीमार हो जाते हैं। कई साल पहले बनाये गए नल्हड मेडिकल कालेज में इलाज के नाम पर बड़े बड़े दावे और वायदे राजनेताओं ने किये थे , लेकिन सरकारी अस्पतालों से भी बदतर हालात करोड़ों रुपये के मेडिकल कालेज में इस समय बने हुए हैं। इस बात को मरीज और उनके तीमारदार ही नहीं बल्कि खुद मेडिकल कालेज के डॉक्टर भी मानते हैं कि सरकार दवाइयों , स्टाफ और अन्य सुविधाओं को लेकर कतई गंभीर नहीं है। नल्हड मेडिकल कालेज के बाहर मेडिकल स्टोर की बाढ़ आई हुई है। इन मेडिकल स्टोर पर दिनभर भीड़ देखी जा सकती है। मेडिकल स्टोर संचालक भी मानते हैं कि मरीज और तीमारदार उनके पास दवाइयां , ऑपरेशन का सामान इत्यादि खरीदकर ले जाते हैं।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भले ही दूसरे मंत्रियों और विपक्ष के नेताओं के आरोपों का जवाब तपाक से दे पाते हों , लेकिन मेवात का मेडिकल कालेज और अस्पताल राम भरोसे चल रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री हो या मुख्यमंत्री हो मेवात की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कोई गंभीर दिखाई नहीं देता।

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