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भारत में कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 कितना खतरनाक है

👤 Veer Arjun | Updated on:28 Dec 2023 6:54 AM GMT
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दुनिया में एक बार फिर कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 वायरस ने हड़कंप मचा दिया है. कई देशों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसी बीच कोरोना वायरस का नया सब वैरिएंट JN.1 भी दुनियाभर में तेजी से पैर पसार रहा है. अब तक ये भारत समेत 51 देशों में फैल चुका है.

WHO के अनुसार, जेएन.1 सब-वैरिएंट के सबसे ज्‍यादा मामले फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा, ब्रिटेन और स्वीडन में हैं. हालांकि भारत में भी अब ये तेजी से बढ़ रहा है. फिलहाल देश भर में जेएन.1 के मरीजों की संख्‍या 109 हो चुकी है.

चीन से लेकर अमेरिका तक कोविड 19 के नए वायरस के मरीज सामने आ रहे हैं. सिंगापुर में भी हजारों की संख्‍या में संक्रमित मरीज मिले हैं. वहीं अब भारत में भी कोरोना के जेएन.1 वेरिएंट ने दस्‍तक दे दी है. देशभर में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमित 142 लोग मिले हैं. हालांकि भारत में साल 2020 में कोरोना महामारी के बाद से ही आईसीएमआर का सर्विलांस सिस्‍टम लगातार काम कर रहा है, ताकि किसी भी नए वायरस या म्‍यूटेंट का पता चल सके.

जेएन.1 सब-वैरिएंट ओमिक्रॉन के BA.2.86 'पिरोला' सब-वैरिएंट से बना है. इस सब-वैरिएंट ने अमेरिका में काफी तबाही मचाई थी. यह 4 महीने में ही यह करीब 41 देशों में फैल चुका है. अतिरिक्त म्यूटेशन इसे काफी संक्रामक बनाते हैं. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने इसे यूएस में सबसे तेजी से बढ़ने वाला वैरिएंट बताया दिया है. यह इम्यूनिटी को चकमा देकर संक्रमित कर सकता है.

सिंगापुर सहित कई देशों में फैल चुके JN.1 को लेकर भारत में भी चिंता जताई जा रही है. इसकी लगातार सर्विलांस सिस्‍टम से निगरानी भी की जा रही है. केरल और कर्नाटक में इस वायरस से संक्रमित व्‍यक्तिओं की मौत होने की वजह से न केवल इन राज्‍यों में बल्कि केंद्र सरकार ने भी एडवाइजरी जारी की है और लोगों से सावधानी बरतने के लिए कहा है. हालांकि यह कितना खतरनाक है, इसे लेकर एनटीएजीआई के चीफ डॉ. एन के अरोड़ा ने कई बातें बताई हैं.

JN.1 म्‍यूटेंट भारत में तीसरी लहर में आए ओमिक्रोन वायरस फैमिली से ही है. यह ओमिक्रोन के पिरोला वेरिएंट बीए 2.86 का ही सबवेरिएंट है. आंकड़ों के अनुसार भारत में तीसरी लहर में ओमिक्रोन वेरिएंट से बहुतायत में संक्रमण हुआ था लेकिन उससे मौतें नहीं हुई थीं. इसके अलावा इस वेरिएंट से संक्रमित होने और वैक्‍सीनेशन के बाद लोगों में हाइब्रिड इम्‍यूनिटी भी बनी थी.

इस बारे में आईसीएमआर के कोविड टास्‍क फोर्स के चेयरमेन रहे और अब भारत के नेशनल टैक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्‍यूनाइजेशन (NTAGI) के चीफ डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि भारत में कोविड के बाद लगातार सर्विलांस की जा रही है, ऐसे में जब भी कोई नया वायरस आता है तो पहली बात ये है कि इसका पता तुरंत चल जाता है, दूसरा सर्विलांस के लिए भी हर एक वायरस को पिक किया जाता है, ताकि उसके बारे में गहराई से पता किया जा सके. जहां तक इस नए वेरिएंट JN.1 की बात है तो पैनिक करने की बिल्‍कुल जरूरत नहीं है. यह सामान्‍य वैरिएंट है. यह खतरनाक नहीं है.

एहतियात बरतते रहें…

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का ये नया वेरिएंट खतरनाक नहीं है लेकिन सर्दी, जुकाम, वायरल में जैसे सावधानियां बरतते हैं और परिवार में एक के होने पर दूसरे लोग इसकी चपेट में न आएं, ऐसे बचाव करते हैं, वैसे करते रहें. हाथों को साबुन से धोएं, भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्‍क पहनें. जो लोग किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, कोमोरबिड हैं, वे मास्‍क पहनें और सार्वजनिक स्‍थानों पर कम से कम जाएं.

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