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धार की ऐतिहासिक भोजशाला में तीसरे दिन 9 घंटे चला एएसआई का सर्वे

👤 mukesh | Updated on:24 March 2024 8:59 PM GMT

धार की ऐतिहासिक भोजशाला में तीसरे दिन 9 घंटे चला एएसआई का सर्वे

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भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) के आदेश के बाद शुरू हुए धार की ऐतिहासिक भोजशाला (Dhar's historical Bhojshala) के सर्वे का काम तीसरे दिन रविवार को भी जारी रहा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम द्वारा तीसरे दिन करीब नौ घंटे अंदर रही। हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा व आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे। भोजशाला परिसर के साथ-साथ बाहर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम द्वारा भोजशाला परिसर में चार स्थानों पर खुदाई कराई जा रही है। टीम इस बात की जानकारी ले रही है कि भोजशाला की नींव कितनी पुरानी है। नींव के आधार पर भोजशाला की प्राचीनता का पता लगाया जाएगा। दो स्थानों पर करीब छह फीट तक की गहराई और अन्य दो स्थान पर करीब तीन-तीन फीट की गहराई में खुदाई हुई है। सोमवार को धुलेंडी (रंग पर्व) के दिन भी सर्वे जारी रहेगा।

जानकारी के मुताबिक, एएसआई टीम के 15 सदस्यों ने रविवार सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में प्रवेश किया। हिंदू पक्ष के आशीष गोयल व गोपाल शर्मा और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद टीम के साथ मौजूद रहे। तीसरे दिन के सर्वे के लिए भी टीम आधुनिक उपकरण अपने साथ ले गई थी। जीपीआर (ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार) का उपयोग करते हुए कई महत्वपूर्ण तथ्यों का पता लगाने की कोशिश की गई। खुदाई के साथ ही छत और गुंबद का वैज्ञानिक सर्वे और वीडियोग्राफी भी टीम ने की है। सर्वे को छुट्टी के दिन में भी जारी रखा जा रहा है।

सर्वे में मुख्य रूप से भोजशाला के स्तंभों की विशेष रूप से गणना की जा रही है। इन अंकित प्रतीक चिह्नों की सूक्ष्मता से फोटोग्राफी की जा रही है। इन स्तंभों की आकृति पर भी टीम के सदस्य विशेष ध्यान दे रहे हैं। स्तंभों की आकृति, आकार आदि से इसकी वास्तु शैली व काल का पता लगाया जाएगा। इससे भोजशाला की प्राचीनता को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी।

छोटे व विशेष पत्थरों को कर रहे सुरक्षित

जीपीआर के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि भोजशाला परिसर में क्या पाषाण धरोहर जमीन के भीतर भी दबी है। छह बाई छह के दो गड्ढे शनिवार से खोदे जा रहे हैं। इनमें अभी कुछ नहीं मिला है। हालांकि, इसमें निकल रहे छोटे व विशेष पत्थरों को भी जांच के लिए सुरक्षित किया जा रहा है। सर्वे की गोपनीयता के लिए विभागीय कर्मचारियों को ही भीतरी दायरे में रखा जा रहा है। आउटसोर्स के मजदूरों को खुदाई आदि में शामिल नहीं किया जाएगा।

75 चिन्हों की वीडियो और फोटोग्राफी

भोजशाला की दीवार, खंभों आदि पर बने छोटे-छोटे चिह्नों और निशानों की स्पष्टता के लिए उन्हें विशेष केमिकल के माध्यम से साफ किया जा रहा है। अब तक करीब 75 चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की जा चुकी है।

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