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अब 17 राज्‍यों में कैसे छाया भगवा रंग, कांग्रेस का होता अंत

👤 Veer Arjun | Updated on:4 Dec 2023 6:34 AM GMT

अब 17 राज्‍यों में कैसे छाया भगवा रंग, कांग्रेस का होता अंत

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नई दिल्‍ली । मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को धमाकेदार जीत दर्ज की है। इधर, कांग्रेस को तेलंगाना में सफलता मिली है। तीनों राज्यों में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ी भाजपा की जीत के चलते विदेशी मीडिया में भी हुए हैं। कुछ संस्थान इसे 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा की मजबूत स्थिति बता रहे हैं। वहीं, कुछ ने इसे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के लिए झटका करार दिया है।

17 राज्‍यों में कैसे छाया भगवा रंग

चार राज्यों में बीजेपी की सरकार बनने के साथ ही पार्टी अब अपने दम पर 12 राज्यों में सत्ता में होगी, जबकि दूसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार के बाद तीन राज्यों में सिमट जाएगी। दिल्ली और पंजाब में अपनी सरकार के साथ आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टियों में तीसरे स्थान पर है। भाजपा, जिसकी केंद्र में सरकार है, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, गोवा, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश में सत्ता में है जबकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पार्टी सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है।

इसके अलावा भाजपा चार राज्यों - महाराष्ट्र, मेघालय, नागालैंड और सिक्किम में सत्तारूढ़ गठबंधन का भी हिस्सा है। कांग्रेस अब अपने दम पर तीन राज्यों- कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में सत्ता में होगी. तेलंगाना में कांग्रेस ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) को हराकर जीत दर्ज की है। कांग्रेस भी बिहार और झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है और द्रमुक की सहयोगी है जो तमिलनाडु पर शासन करती है।

क्या बोला विदेशी मीडिया

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदी बेल्ट के तीन राज्यों में जीत के जरिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले अपना प्रभाव बढ़ा लिया है। साथ ही कहा गया कि ये नतीजे 'मुख्य विपक्षी दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बिगड़ती स्थिति के बीच एक ओर झटका थे।' राजनीतिक जानकार आरती जेरथ के हवाले से एनवाईटी ने बताया है कि ये नतीजे 2024 में भाजपा के लिए बड़े फायदेमंद साबित होंगे।

राम मंदिर पर भी बात

एक रिपोर्ट में अयोध्या के राम मंदिर का भी जिक्र है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'जनवरी में अयोध्या में बड़े मंदिर का उद्घाटन के जरिए मोदी के पास पहले ही बड़ा समर्थन जुटाने का एक प्लान है...।' संभावनाएं जताई जा रही हैं कि उत्तर प्रदेश स्थित मंदिर का जनवरी में उद्घाटन हो सकता है।

ब्लूमबर्ग क्या बोला?

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में ग्लोबल डेटा टीएस लोमबार्ड की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट शुमिता देवेश्वर के हवाले से लिखा गया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असाधारण रूप से लोकप्रिय बने हुए हैं।' उन्होंने कहा कि राज्य के नतीजे दिखाते हैं कि देश का मूड उन्हें लगातार तीसरे कार्यकाल में लाने में है। उन्होंने कहा कि भाजपा का कमजोर प्रदर्शन विपक्ष को कुछ रफ्तार दिलाने में मदद करता, लेकिन नतीजे संकेत दे रहे हैं कि मोदी का सत्ता में आना तय है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मोदी एक दशक बाद भी लोकप्रिय बने हुए हैं और सर्वे संकेत दे रहे हैं कि वह अगले साल फिर जीत सकते हैं। खास बात है कि रिपोर्ट में विपक्षी गठबंधन में हुई आंतरिक कलह का भी जिक्र किया गया है। AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, तीन राज्यों में जीत ने भाजपा और लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पहले ही लोकप्रिय बने हुए मोदी को रफ्तार दे दी है।

रिपोर्ट में कहा गया कि कांग्रेस के 'सीधे मोदी पर व्यक्तिगत और आक्रामक प्रचार' की अगुवाई कर रहे नेहरू-गांधी के वंशज राहुल गांधी के लिए ये नतीजे झटके के तौर पर देखे जा रहे हैं।

क्या रहे नतीजे

90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ में भाजपा ने 54 सीटें अपने नाम की। यहां कांग्रेस 35 पर समिट गई। राजस्थान में 199 में भाजपा 115 सीटें अपने नाम करने में सफल रही। जबकि, कांग्रेस की झोली में सिर्फ 69 सीटें ही आईं। खास बात है कि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। अधिकांश एग्जिट पोल छत्तीसगढ़ में कांटे की टक्कर बता रहे थे।

मध्य प्रदेश की 230 सीटों में कांग्रेस को 66 पर ही संतोष करना पड़ा। यहां बगैर मुख्यमंत्री के चेहरे के मैदान में उतरी भाजपा को बंपर 163 सीटों पर जीत मिली।

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