संघ को बाहर रह कर नहीं समझा जा सकता : होसबोले
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ःआरएसएसः के शिक्षार्थियों के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले तृतीय वर्ष के संघ शिक्षा वर्ग की शुरूआत 15 मई को हुई जिसमें वरिष्" पदाधिकारी दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संघ का वर्ग कोई इवेंट मैनेजमेंट नहीं है, ऐसे में संघ को जानना समझना है तो संघ का प्रत्यक्ष कार्य करना पड़ेगा क्योंकि संघ को बाहर रह कर नहीं समझा जा सकता।
संघ शिक्षा वर्ग की शुरूआत 15 मई को नागपुर रेशिमबाग स्थित डॉ. हेडगवार स्मृति भवन परिसर में हुई और इसका समापण 8 जून को होगा।आरएसएस के सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने देश भर के सभी प्रान्तों से आए शिक्षार्थियों को अपने संबोधन में कहा कि संघ के बारे में यदि किसी को जानना है तो इसके लिए सिर्फ किताबें पढना, किताबें लिखना, अनुसंधान करना ही पर्याप्त नहीं है। संघ को जानना समझना है तो संघ का प्रत्यक्ष कार्य करना पड़ेगा। जिस तरह तैराकी सीखना है तो नदी में कूदना ही पड़ता है और धारा के विपरीत भी जाना पड़ता है, वैसे ही संघ को बाहर रह कर नहीं समझा जा सकता। उन्होंने कहा कि समाज की किसी भी आवश्यकता या संकट के समाधान हेतु सज्जन शक्ति जो संग"ित होकर, परिचित या अपरिचित को सद्भावपूर्वक, आत्मीयता के साथ स्वागत करे...यही स्वयंसेवक की पहचान है। होसबोले ने कहा कि संघ का वर्ग कोई इवेंट मैनेजमेंट नहीं है, इस वर्ग के क्षण क्षण को, कण कण को अपने अंतर्मन में समाहित कर उसकी अनुभूति करें, क्योंकि ऐसे प्रशिक्षणों से हम शारीरिक के साथ साथ वैचारिक रूप से भी मजबूत होते है।आरएसएस की विज्ञप्ति के अनुसार, होसबोले