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'हैप्पीनेस इण्डेक्स' को बढ़ाता है आर्किटेक्चर : नायडू

👤 admin 4 | Updated on:24 May 2017 6:27 PM GMT

हैप्पीनेस इण्डेक्स को बढ़ाता है आर्किटेक्चर : नायडू

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जयपुर, (भाषा)। केन्द्राrय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि आर्किटेक्ट को किसी भी शहर की योजना बनाते समय वहां के हैरिटेज एवं स्थानीय संस्कृति और परम्पराओं को जरूर ध्यान में रखना चाहिए।

नायडू कल यहां "19वें आर्केशिया फोरम-2017'' के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि इस फोरम की थीम "आर्किटेक्स'' के जरिये पूरी तरह चरितार्थ होती है, क्योंकि संगीत, नृत्य और आर्किटेक्चर इन तीनों में वह खासियत है जो "हैप्पीनेस इण्डेक्स'' को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत ही नहीं पूरे विश्व में गांवों से शहरों की ओर लोगों का पलायन बढ़ रहा है।

ऐसे में हमें शहरों का मास्टर प्लान इसे ध्यान में रखकर ही तैयार करना होगा। नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार देश के चुने हुए शहरों को स्मार्ट सिटी में विकसित कर रही है जिसमें सबके लिए आवास योजना के तहत केन्द्र सरकार 2020 तक सभी जरूरतमंदों को छत उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।उन्होंने उम्मीद जताई कि "आर्केशिया फोरम'' के अलग-अलग सत्रों में विभिन्न देशों से आए आर्किटेक्ट अपने ऐसे विचार रखेंगे, जो हमारे शहरों को सही प्लान के साथ विकसित करने में मददगार साबित होंगे। उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि मुझे खुशी है कि जयपुर जैसे हैरिटेज शहर में इस फोरम का आयोजन किया गया है। इससे से पूर्व उन्होंने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ बैठक में अर्बन मिशन की प्रगति की समीक्षा भी की।

पुराना जयपुर शहर अपने आप में आर्किटेक्ट का एक बेहतरीन नमूना है। उन्होंने कहा कि आर्किटेक्चर विज्ञान के साथ कला का एक अद्भुद सम्मिश्रण है। आज जरूरत इस बात की है कि किसी भी शहर के विकास में आधुनिकता के साथ वहां के हैरिटेज का स्वरूप बरकरार रखा जाए।नायडू ने कहा कि प्रदेश के जयपुर, जोधपुर एवं उदयपुर जैसे शहरों की अपनी एक अलग पहचान है। ऐसे शहरों को विकसित करते समय आर्किटेक्ट इस बात को ध्यान में रखें कि इनकी यह पहचान कहीं गायब न हो जाए।

राजे ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के शहरों को हरित और स्मार्ट बनाने की दिशा में काम कर रही है। जयपुर में ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना और एशिया के पहले सिस्को लाइट हाउस सिटी के रूप में इसका चुना जाना एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने फोरम में आए 21 देशों के प्रतिनिधियों से जयपुर जैसे खुबसूरत शहर को एक आर्किटेक्ट की नजर से देखने का आग्रह किया।

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