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मोदी का चिकित्सीय उपकरणों को स्वदेश में बनाने का आह्वान

👤 Admin 1 | Updated on:25 May 2017 7:04 PM GMT

मोदी का चिकित्सीय उपकरणों को स्वदेश में बनाने का आह्वान

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मुंबई, (भाषा)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों को सस्ता इलाज मुहैया कराने की जरुरत पर जोर देते हुए आयात पर निर्भरता कम करने के लिए चिकित्सा उपकरणों को देश में बनाने के लिए स्टार्ट अप शुरू करने का आज आह्वान किया।

टाटा मेमोरियल सेंटर के सामाजिक सेवा के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर एक पुस्तक का विमोचन करने के बाद मोदी ने कहा, "हर साल 10 लाख से ज्यादा लोगों को कैंसर होता है और बीमारी से हर साल करीब 6.5 लाख लोग मर जाते हैं। कैंसर पर शोध के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने आशंका जताई है कि ये आंकड़ें केवल 30 वर्षों में दोगुने हो जाएंगे।'' वह मुंबई में आयोजित कार्यक्रम को नई दिल्ली से वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 70 फीसदी चिकित्सा उपकरण विदेशों से आयात किए जाते हैं जिससे इलाज काफी महंगा पड़ता है। उन्होंने कहा, "इस स्थिति को बदला जाना चाहिए क्योंकि इससे इलाज महंगा पड़ता है।'' मोदी ने कहा, "मैं स्टार्ट अप उद्योग को आगे आने और इस पर शोध करने की अपील करता हूं कि चिकित्सीय उपकरणों को कैसे स्वदेश में बनाया जा सकता है। हम चाहते हैं कि यंत्रों को यहां बनाया जाए ताकि मरीजों को फायदा हो।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य गरीबों और जरुरतमंदों को सबसे सस्ती और अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है तथा इसलिए वह 15 वर्ष की अवधि के बाद समग्र नजरिए के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति लेकर आई है।''मोदी ने कहा, "हम लोगों तक रोग निवारक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना चाहते हैं। आगामी वर्षों में हमारा उद्देश्य है कि जीडीपी का 2.5 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च किया जाना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि कैंसर मरीजों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में विभिन्न अस्पताल कैंसर अनुसंधान के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और इलाज को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जहां इलाज सस्ता हो और अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाए।'' उन्होंने कहा, "जब 2014 में मेरी सरकार सत्ता में आई थी तो कैंसर ग्रिड से जुड़े 36 कैंसर अस्पताल थे। पिछले तीन वर्षों में यह संख्या 108 तक पहुंच गई है।'' मोदी ने कहा कि टाटा मेमोरियल सेन्टर की मदद और विशेषज्ञता से वाराणसी, चंडीगढ़, विशाखापत्तनम और गुवाहाटी में चार और कैंसर अनुसंधान संस्थान विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह उन कैंसर मरीजों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा जो इलाज कराने के लिए दूर दराज स्थानों पर जाते हैं। यह उनके परिवारों को भी राहत देगा।'' मोदी ने कहा कि इन शोध संस्थानों के अलावा हरियाणा के झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान भी बनेगा। उन्होंने ने कहा, "हम देशभर में नए एम्स और मेडिकल कॉलेज लेकर आ रहे हैं।

हम चाहते हैं कि प्रत्येक नागरिक की अच्छे इलाज तक पहुंच हो।''

उन्होंने कैंसर के उपचार के लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल के प्रयासों की प्रशंसा की।

'समय के रेत पर पैरों के अमिट निशान' शीर्षक वाली पुस्तक का विमोचन करने के बाद मोदी ने कहा, "मैं टाटा ःमेमोरियलः अस्पताल को उसकी प्लेटिनम जुबली पर बधाई देता हूं। मैं इस किताब का विमोचन कर खुश हूं।''

किताब में अस्पताल की यात्रा के बारे में बताया गया है और उसकी वृद्धि तथा विकास को रेखांकित किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "75 वर्ष बाद इस संस्थान को शिक्षा, मानव संसाधन विकास और अनुसंधान के लिए जाना जाता है। भारत में बहुत कम अस्पतालों ने लोगों की बीमारियों के लिए इतना कुछ किया है।''

कैंसर को इस समय की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि एक साझा मंच बनाना अहम है जहां मरीजों को सस्ता इलाज मिले। उन्होंने कहा, "कैंसर किसी के भी लिए 'अग्नि परीक्षा' से कम नहीं है।''

मोदी ने कहा, "मैं गरीबों की सेवा करने के लिए रतन टाटा और टाटा मेमोरियल अस्पताल को बधाई देता हूं।''

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