अपने ग्रह दशा से मात खाए CM केजरीवाल को फिर मिला HC से हार, लगा जुर्माना जाने पूरा मामला
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की डिग्री मांगे जाने के मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि पीएमओ को उनकी ग्रेजुएशन की डिग्री प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं है.
प्रधानमंत्री की डिग्री मांगे जाने के मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को उनकी ग्रेजुएशन की डिग्री प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं है. जस्टिस बीरेन वैष्णव ने मुख्य सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें पीएमओ के जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) और गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के पीआईओ को पीएम मोदी की डिग्री का विवरण देने का निर्देश दिया गया था.
अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. सीएम ने पीएम के डिग्री प्रमाण पत्र का विवरण मांगा था. हाई कोर्ट के फैसले के बाद सीएम अरविंद केजरीवल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके PM कितना पढ़े हैं? कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का ज़बरदस्त विरोध किया। क्यों? और उनकी डिग्री देखने की माँग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जायेगा? ये क्या हो रहा है? अनपढ़ या कम पढ़े लिखे PM देश के लिए बेहद ख़तरनाक हैं.''
बता दें कि गुजरात यूनिवर्सिटी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरटीआई कानून के तहत पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उपलब्ध कराने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था.