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ऋषियों के विज्ञान की प्रयोगशाला है यज्ञशाला, वेदों से ही भारत विश्वगुरू : डॉ. भेषराज शर्मा

👤 Veer Arjun | Updated on:15 Sep 2023 7:00 AM GMT

ऋषियों के विज्ञान की प्रयोगशाला है यज्ञशाला, वेदों से ही भारत विश्वगुरू : डॉ. भेषराज शर्मा

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निंबाहेड़ा ! मुख्य वक्ता वनस्थली विद्यापीठ से आए वेद विभाग के सहायक आचार्य डॉ. भेषराज शर्मा ने कहा कि यज्ञ शब्द यज-धातु से सिद्ध होता है। जिसका अर्थ है देव पूजा, संगतिकरण और दान। संसार के सभी श्रेष्ठकर्म यज्ञ कहे जाते हैं। यज्ञ को अग्निहोत्र, देवयज्ञ, होम, हवन, अध्वर भी कहते हैं। सब लोग जानते हैं कि दुर्गंधयुक्त वायु और जल से रोग, रोग से प्राणियों को दुख और सुगंधित वायु तथा जल से आरोग्य और रोग के नष्ट होने से सुख प्राप्त होता है। जहां होम होता है वहां से दूर देश में स्थित पुरुष के नासिका से सुगंध का ग्रहण होता है, वैसे दुर्गंध का भी। इतने से ही समझ लो कि अग्नि में डाला हुआ पदार्थ सूक्ष्म होकर फैल कर वायु के साथ दूर देश में जाकर दुर्गंध की निवृत्ति करता है। मुख्य अतिथि जयपुर से आए दीपचंद्र शर्मा ने कर्म की प्रधानता के द्वारा यज्ञ पर प्रकाश डाला, विशिष्ट अतिथि मंडलाचारण ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि गणेश दास चरण ने पर्यावरण को शुद्ध करने में यज्ञ किस प्रकार सहायक है इसपर बल दिया । अध्यक्षीय उद्बोधन में वैदिक विश्वविद्यालय के चेयर पर्सन कैलाश चन्द्र मूंदड़ा ने हिंदी दिवस की बधाई देते हुए वेदों के ऊपर व्याख्यान और हिंदी दिवस को एक संयोग ही बताया । उन्होंने कहा कि वैदिक ज्ञान विज्ञान के द्वारा ही भारत का नाम संपूर्ण विश्व में हुआ है । वेदों में राष्ट्रभक्ति से लेकर नैतिक मूल्यों तक की बात की गई है।

संयोजक एवं विश्वविद्यालय प्रवक्ता डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि सम्मानित अतिथि उपसरपंच आयुदान गढ़वी ने यज्ञों के विज्ञान को समझाकर प्रत्येक घर में होने वाले सामान्य यज्ञों की चर्चा की । कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय के विजयदान चारण, नारायण गिरी गोस्वामी, शारदा चारण, पीयूष चारण, आयुष चारण, सोना चारण, पूजा चारण, अजयदीप लुहार आदि ने अपनी प्रस्तुतियां दी। संचालन करते हुए विद्यालय प्रधानाचार्य डॉ. हीरालाल लुहार ने कहा कि वेद से ही भारत विश्व गुरु कहलाया। कार्यक्रम श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय एवं महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के संयुक्त तत्वावधान में किया गया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्यामसुंदर झंवर, शेरसिंह राजपूत, मोतीलाल मीणा, हरिकिशन अहीर, राजूलाल मीणा, नवनीत सिंह गहलोत, लोकेश कुमार भट्ट, सुनीता जैन, सागर चारण, रेखा चारण, मोहासिन खान, पत्रकार अनिल भट्ट आदि उपस्थित रहे ।

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