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गर्मी से डरे नहीं मुकाबला करें और मौज लें...!!

👤 Admin 1 | Updated on:9 April 2017 4:55 PM GMT

गर्मी से डरे नहीं मुकाबला करें और मौज लें...!!

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इस साल गर्मी का कहर तो तय है लेकिन "हरकर सोचें तो गर्मी का यह कहर कोई इसी साल का किस्सा नहीं है। बड़े-बूढों से पूछें तो गर्मियां हमेशा से ऐसी ही डरावनी रही हैं, कभी थोडा कम तो कभी थोड़ा सा ज्यादा भले होता रहा हो। लेकिन मई-जून हमेशा गर्मी के लिहाज से बहुत गर्म महीने ही होते रहे हैं। लेकिन आज से 35-40 साल पहले तक गर्मी आने से पहले, इस तरह गली-गली चर्चा का विषय नहीं रहीं। जबकि आज के 4 दशक पहले तो गर्मी से मुकाबला करने के लिए इतने तकनीकी उपाय भी नहीं थे जितने आज हैं। आज हमारे पास पंखा और कूलर ही नहीं एसी से लेकर फ्रिज और कोल्डड्रिंक तक गर्मी को मात देने के साधन हैं। फिर भी तब लोग गर्मियों से इतना नहीं घबराते थे जितने कि आज घबराते हैं। सवाल है ऐसा क्यों है ? यकीन मानिए एक ग्लोबल वार्मिंग की तब के समय गैर मौजूदगी ही इस सवाल का जवाब नहीं है। इसका एक "sस जवाब यह है कि तब लोग गर्मी का मुकाबला करने के लिए बकायदा एक पूरी "sस व्यवस्था बनाते थे। वे गर्मियों का इंतजार करते थे और इंतजाम भी, जो कि अब नहीं करते। जबकि वास्तविकता यही है कि अगर गर्मी का मुकाबला "sस इंतजाम करके किया जाए तो इससे पार पाना कोई मुश्किल नहीं है।

हमारे पास अनुभव और परम्परा में गर्मी से मुकाबला करने के तमाम "sस उपाय हैं बशर्ते हम उनका इस्तेमाल करें। आइये गर्मी को छू-मंतर करने वाले ऐसे ही कुछ पुराने और मूलभूत उपायों कि चर्चा करें, जिनके साथ जीने पर गर्मी रोंगटे नहीं खड़े करती बल्कि रोमांच देती है।

"ंडक देने वाली "ंढाई

"ंडाई की शान में कसा जाने वाला यह कसीदा कतई अतिरेकी नहीं है कि "ंडाई से आत्मा तृप्त हो जाती है। "ंडाई में वाकई रूह को तर कर देने वाली तासीर होती है। इसलिए इस गर्मी में फिर से एक बार "ंडाई को आजमायें और देखें कि गर्मी के साथ जीना कितना आसान है। केसर, इलायची, बादाम और खसखस से भरपूर "ंडाई का एक घूंट चिलचिलाती गर्मियों को भी सुकून के मौसम में बदल देती है। उत्तर और मध्य भारत के तमाम शहरों मसलन देश की राजधानी दिल्ली, इसी तरह लखनऊ, इंदौर, भोपाल, कानपुर, बनारस, अमृतसर जैसे तमाम शहरों में आपको आज भी "ंडाई की तमाम मशहूर दुकाने मिल जायेंगी जिनके अपने किस्से होंगे। जैसे-जैसे गर्मी का पारा चढ़ता है "ंडाई की जरुरत का पारा भी ऊपर चढ़ता है।

लू का दुश्मन आम का पना

उत्तर भारत से लेकर मध्य और पश्चिम भारत में गर्मियों में आम का पीना आम बात है इसीलिये यह इन दिनों गली-गली में खूब बिकता है। यह लू का बहुत बड़ा दुश्मन है। आप हर रोज दिन में 2 गिलास पना पीयें तो कितनी भी करारी लू चले, मगर आपको नहीं लगेगी। "ंडाई की ही तरह आम का पना भी दिल्ली, भोपाल और लखनऊ में मई-जून के महीनों में लोग खूब चाव से पीते हैं। आम के पना में हाल के सालों में खूब फ्यूजन हुआ है, इसलिए आज की तारीख में यह कई किस्म की खुश्बू में उपलब्ध रहता है। लेकिन कोशिश करें कि सादा पुदीने वाला पना पीयें तो वह ज्यादा कारगर होता है।

बेल या पत्थर बेल का शरबत

दरअसल पत्थर बेल भी बेल का ही फल है, जिसे तमाम लोग उसके क"ाsर आवरण के कारण पत्थर बेल भी कहते हैं। उत्तर, मध्य और पश्चिम भारत के तमाम शहरों में गर्मियों में रेहड़ियों पर बिकने वाला बेल शर्बत तरो-ताजगी देने वाला होता है। दिल्ली में चांदनी चौक के लाल कुआं इलाके में इसकी वेरायटी देखने को मिलती है। बेल का जूस या शरबत चूंकि सुबह के समय बहुत गाढ़ा होता है इसलिए यह दोपहर के समय या ढलती दोपहर के बाद ज्यादा बिकता है। डॉक्टरों की राय में बेल का जूस गर्मी के दिनों में पेट की बीमारियों को रोकने में भी बहुत मददगार है। इसका पा पुराने आयुर्वेद और यूनानी के मेडिकल मैनुअल्स में भी किया गया है।

ह मलाई और आम की लस्सी

दिल्ली के फतेहपुरी मस्जिद इलाके में अगर आप जाएं तो यहां आपको सौ साल पुरानी अमृतसरी लस्सी की दुकान दिखेगी। यहां रुककर अगर आप गिलास मलाई लस्सी पी लें तो गर्मी जादू मंतर की तरह भाग जाती है। मलाई लस्सी भी गर्मियों में बहुत बिकने वाली चीज हैं। आजकल वैसे बाजार में आम, केला और केसर बादाम की डायट लस्सी भी आ गयी हैं। जानकारों के हिसाब से गर्मियों में मैंगो शेक के मुकाबले आम की लस्सी शरीर के लिए ज्यादा कारगर है। इससे गर्मी का असर और एहसास दोनों खत्म होते हैं।

पुरानी दिल्ली का आम कुल्फा

आम कुल्फा भी गर्मी दूर करने का एक अचूक उपाय माना जाता है।गो कि यह हर शहर में उपलब्ध नहीं है। लेकिन अगर आप दिल्लीवासी हैं तो पुरानी दिल्ली जाइए वहां ये खूब बिकता है लेकिन बाकी शहरों के लिए थोड़ी कम लोकफ्रिय चीज है। आम कुल्फा आम और ाढाrम को मिलाकर बनाया जाता है। फिर इसे कुछ देर के लिए बर्फ से भरे ड्रम में रख दिया जाता है। मशीन में आम का गूदा निकालकर इसमें ाढाrम मिलाई जाती है और "ंडा होने पर ये पीने के लिए तैयार हो जाती है। आम का कुल्फा कुल्फी की तरह लजीज होता है। इससे भी गर्मी दूर भागती है।

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