अगर किचन हो स्वच्छ ...तो परिवार रहेगा स्वस्थ
मधु सिंह
घर में किचन वह स्थान है जहां पर गृहिणी का सबसे ज्यादा समय बीतता है। घर की साफ-सफाई की बात जब आती है तो किचन की सफाई का खास महत्व है। क्योंकि किचन में खाना पकाया जाता है और यदि किचन स्वच्छ और साफ सुथरा हो तो परिवार के सदस्यों की सेहत भी सही रहती है। इसलिए किचन की साफ-सफाई पर सबसे ज्यादा ध्यान देना जरूरी होता है।
किसी भी घर की किचन भले ही मॉड्यूलर, आधुनिक और सुविधाओं से लैस हो लेकिन अगर किचन साफ-सुथरी न हो तो उसकी मॉर्डनिटी के कोई मायने नहीं रहते। किचन के स्लैब, गैस चूल्हे के प्लेटफॉम, सिंक आदि ऐसे स्थान है जहां अगर सही साफ-सफाई न रखी जाए तो बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। यदि किचन की साफ-सफाई के हर हिस्से के लिए एक ही डस्टर का उपयोग किया जाता है तो बैक्टीरिया एक स्थान से दूसरे स्थान पर तुरंत पहुंचकर अपनी संख्या में थोड़ी ही देर में कई गुना वृद्धि कर लेते हैं। नतीजतन परिवार के लोगों को उल्टी दस्त और अन्य तरह की तकलीफ होने की आशंका रहती है। यह बैक्टीरिया रसोई घर के उन हिस्सों में पैदा होते हैं, जहां पर "ंडे पानी का ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसलिए किचन की सिंक और स्लैब को धोने में अगर गर्म पानी का इस्तेमाल किया जाये तो उसमें बैक्टीरिया कम पनपते हैं।
स्लैब तथा टाइल्स की सफाई
जहां तक संभव हो सके खाना बनाने के बाद किचन की स्लैब पर गिरे खाद्य पदार्थों के अवशेषों को तुरंत साफ कर दें। गैस बर्नल की भी तुरंत सफाई करें। किचन की स्लैब तथा सिंक को प्रतिदिन रगड़कर धोएं और जिस कपड़े से स्लैब को पौंछा जाता है, उसे खौलते गर्म पानी में डुबोकर अच्छी तरह सफाई के बाद धूप में सुखाएं। सिलबट्टा, कटिंग बोर्ड, चाकू, छुरी और बटर नाइफ को तुरंत साफ करें ताकि किचन में कॉकरोच न पनपें। गैसे चूल्हे के आसपास की टाइल्स और स्लैब को रोज रगड़कर पबर से साफ करें। हो सके तो गर्म पानी से इसे सप्ताह में एक बार अच्छी तरह से धोएं।
कबर्ड्स
किचन की कबर्ड्स में अगर चीजें रखने के लिए नीचे अखबार या शीट बिछाती हैं तो उन्हें 15-20 दिन या महीने में एक बार अच्छी तरह साफ करें ताकि यहां पर छोटे कीड़े मकोड़े और कॉकरोच अपना घर न बनाएं।
एग्जॉस्ट फैन, ट्यूब लाइट और बल्ब की सफाई
रसोई में खाना बनाने के दौरान चिकनाई और मसाले का धुंआ रसोई के पंखे, लाइट और एग्जॉस्ट फैन पर आ जाता है। यह आकर उन पर जम जाता है इसलिए महीने में एक बार गर्म पानी में एंटीबैक्टीरियल डिर्जेंट डालकर इनकी अच्छी तरह सफाई करें।
रसोई की नाली
सिंक से जुड़ी नाली में अकसर भोजन के छोटे टुकड़े फंसे रह जाते हैं जिसके कारण वहां बदूबू फैलती है और बैक्टीरिया अपना घर बना लेते हैं। सप्ताह में एक बार कपड़ों की धुलाई से बचे पानी में ड्रेनेक्स या कपड़े धोने वाला सोडा डालकर प्रेशर से पानी डालें ताकि वहां खाद्य पदार्थों के बचे अवशिष्ट पानी के तेज बहाव में बह जाएं। किचन की नाली के लिए ब्लीचिंग पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस पाउडर को नाली व सिंक में रात को पानी में घोलकर डाल दें, सुबह तक यह पूरी तरह साफ हो जाती है।
किचन का कूड़ेदान
किचन के कूड़ेदान में पोलीथीन लगाकर ही उसमें कचरा डालें और हर दिन इस पोलीथीन को बदलती रहे। 10-15 दिन के बीच डस्टबीन को अच्छी तरह धोकर साफ करके उसे धूप में सुखाएं। किचन में कभी भी खुला डस्टबीन न रखें; क्योंकि इससे घर में मच्छर, मक्खी और फ्रूट फ्लाई पनपने का खतरा रहता है।
नैपकिंस
किचन के नैपकिंस को गर्म पानी में थोड़ा सा डिर्जेंट डालकर उस पानी को उबाले और थोड़ा "ंडा होने पर इन्हें हाथ से दूसरे कपड़ों से अलग धोकर धूप में सुखाएं।
कटिंग उपकरणों
सिलबटा, चाकू, छुरी, कटर, कद्दूकस, चौपर, तथा अन्य कटिंग वाले उपकरणों को अच्छी तरह साफ रखें क्योंकि इनमें फंसने वाले खाद्य पदार्थ अगर जमे रहे तो इनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं।
फ्रिज
किचन में फ्रिज को इस तरह रखें कि वहां चिकनाई और मसालों का धुआं इस पर न चिपके, इसके अलावा किचन में रखे फ्रिज की नियमित साफ-सफाई करें। सप्ताह में दो बार फ्रिज का सामान निकालकर फ्रीजर को उसे डिर्फ्रोस्ट करें तथा उसमें बची पुरानी सब्जियां, फल और दूसरे अन्य खाद्य पदार्थों को जो खाने योग्य न हों उन्हें फ्रिज से निकाल बाहर करें।
फर्श
किचन में खाना बनाने के दौरान फर्श पर काफी गंदगी फैल जाती है, यही गंदगी अगर फर्श पर लंबे समय तक जमी रहती है तो वह पैरों के द्वारा घर के दूसरे कमरों में भी पहुंच जाती है, इसलिए खाना बनाने के तुरंत बाद फर्श पर पानी में फिनाइल डालकर अच्छी तरह पौंछा लगाएं यदि संभव हो तो उसके फर्श को धोकर, इसे साफ रखें।