Home » उत्तराखंड » मसूरी इंटरनेशनल स्कूल में टैलेन्ट फिएस्टा आयोजित

मसूरी इंटरनेशनल स्कूल में टैलेन्ट फिएस्टा आयोजित

👤 admin3 | Updated on:25 May 2017 5:27 PM GMT

मसूरी इंटरनेशनल स्कूल में टैलेन्ट फिएस्टा आयोजित

Share Post

वीर अर्जुन संवाददाता

देहरादून/मसूरी। मसूरी इंटरनेषनल स्कूल में टैलेन्ट फिएस्टा का आयोजन किया, जिसमें विद्यार्थियों ने प्रतिस्पर्धी प्रारूप में विष्वस्तरीय विविधिता और रचनात्मकता का प्रदर्षन करते हुए अपने-अपने सदन के लिए कीमती पॉइन्ट्स जुटाने में योगदान दिया। मसूरी इंटरनेषनल स्कूल इस अवधारणा में भरोसा रखता है कि रचनात्मकता एवं कल्पना हमें एक नई दुनिया में ले जाते हैं और इसी भावना के साथ पूरे एमआईएस परिवार ने इस अनू"s कार्यक्रम को ज़बरदस्त कामयब बना दिया। इस साल का टैलेन्ट फिएस्टा 'सप्त' की थीम पर आधारित था और कार्यक्रम के दौरान स्कूल के नैतिक मूल्यों को बरक़रार रखते हुए पारम्परिक से आधुनिक और भारतीय से अन्तरराश्ट्रीय हर प्रकार के परफोर्मेन्स पेष किए गए। कार्यक्रम की षुरूआत पवित्र गायत्री हवन के साथ हुई। जिसके बाद विद्यार्थियों ने वैदिक मंत्रों में अपने अनू"s कौषल का प्रदर्षन किया, जिससे पूरे स्कूल में आध्यात्मिक षांति का माहौल बन गया। षुक्ल यजुर्वेद से मंत्रों का उच्चारण किया गया, जिसे सामान्य भाशा में षांति पा" के नाम से जाना जाता है। पंच चमर चंदा में स्तोत्र प्रस्तुत किए गए। इन्स्ट्रूमेन्टल म्युज़िक सेक्षन के तहत 28 अलग-अलग तरह के वाद्य यंत्रों पर परफोर्मेन्स दिया गया। प्रतिस्पर्धा की भावना के साथ लक्ष्मी सदन ने राग भीमपलासी बजाया, गायत्री सदन ने राग मधुबंती पर प्रदर्षन दिया। जबकि संतोशी सदन ने 8 तालें के केहरवाटल में राग पटदीप बजाया। अंत में तीनों सदनों ने 7 तालों के रूपकताल पर राग जोग में जुगलबंदी प्रस्तुत की। वाद्य संगीत के अलावा एमआईएस के प्रतिभाषाली कलाकारों ने कार्यक्रम के दौरान दिए गए विशयों पर अपनी बेहतरीन कला का प्रदर्षन किया। उन्हें पारम्परिक एवं आधुनिक कला के मिश्रण की थीम पर चित्रकारी, कविता लेखन, फूलों की रंगोली एवं आभूशण डिज़ाइनिंग आदि में अपनी प्रतिभा प्रदर्षित करने का अवसर मिला, जिसके विशय उन्हें मौके पर ही दिए गए थे। इन उभरते सितारों ने एक्षन सोंग पर अपने परफोर्मेन्स से कार्यक्रम में मौजूद दर्षकों को मंत्रुग्ध कर दिया। खूबसूरत परिधानों में लिपटे तीनों सदनों के विद्यार्थियों ने थिरका देने वाले संगीत पर एनीमल सोंग (पषुओं पर आधारित गीत), एक रेनबो कलर सोंग (इंद्रधनुश पर आधारित गीत) और एक स्प्रिंग सोंग (वसंत पर आधारित गीत) प्रस्तुत किया। इस साल एमआईएस ने षास्त्राrय जुगलबंदी एवं वेस्टर्न फ्यूज़न डांस फॉर्म का षानदार संयोजन भी पेष किया। दक्षिणी भारत के पारम्परिक षास्त्राrय नृत्य भरतनाट्यम, उत्तरी भारत के षास्त्राrय नृत्य कथक और पूर्वी भारत के लोकप्रिय नृत्य मणिपुरी (जिसे जगोई के नाम से भी जाना जाता है) का षानदार संयोजन प्रस्तुत किया गया। ये नृत्य तीनों सदनों द्वारा क्रमषः राग देष, राग मुल्तानी और राग भैरवी पर पेष किए गए। वेस्टर्न फ्यूज़न कैटेगरी में विद्यार्थियों ने जैज़, सालसा और रषियन फोक पर मनभावन प्रदर्षन दिया।

Share it
Top