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जिला अस्पताल में भारी गन्दगी देख नाराज हुए नवागत डीएम

👤 admin 4 | Updated on:21 May 2017 4:52 PM GMT

जिला अस्पताल में भारी गन्दगी देख नाराज हुए नवागत डीएम

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वीर अर्जुन संवाददाता

ललितपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद के मरीजों को दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए नवागत जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने रविवार को मान्यवर कांशीराम संयुक्प जिला चिकित्सालय पुरूष एवं महिला ललितपुर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय सी.एम.एस. डा.संजय बासवानी अनुपस्थित पाये गये। उनका मोबाइल भी बंद पाया गया जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्प करते हुए स्पष्टीकरण दिये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने जिला चिकित्सालय के मुख्य द्वार पर गंदगी पाये जाने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सपाई कराने के निर्देश दिये। इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने आकस्मिक कक्ष (इमरजेंसी वार्ड) का निरीक्षण किया गया जहां पर उन्होंने मरीजों से उनका हालचाल पूछा तथा उनको दी जा रही दवाइयों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके बाद जिलाधिकारी ने जिला चिकित्सालय के अन्य समस्त वार्डों में जाकर बहुत ही बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने मरीजों से उन्हें दी जा रही दवाओं तथा भोजन आदि के बारे में पूछा तथा वार्डों में बने शौचालयों को भी देखा जिसमें अधिकांश शौचालयों में गंदगी पायी गई तथा नलो की टोटी टूटी हुई पायी गई, जिस पर उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.प्रताप सिंह को कडक्वे निर्देश देते हुए गंदगी को तत्काल साप कराने तथा लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी करने के निर्देश दिये। मरीजों द्वारा अस्पताल की लिफ्ट बंद हेने की शिकायत करने पर जिलाधिकारी ने उसे शीघ्र ठीक कराये जाने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान अधिकांश वार्डों में बनी किचन पर ताला लगा पाया गया, जिस पर जिलाधिकारी ने उसे चालू कराये जाने के निर्देश सम्बंधित को दिये। इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने स्टोर में रखी टूटी-पूटी कुर्सियों, पलंगो तथा अन्य सामग्री को देखा, जिस पर जिलाधिकारी ने सामग्री को तुरन्त कण्डम कराने के निर्देश दिये। इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने महिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वार्डों में भारी गंदगी पायी गई, जिस पर जिलाधिकारी महोदय द्वारा नाराजगी व्यक्प की गई तथा महिला चिकित्सा अधीक्षक को साप-सपाई कराने के निर्देश दिये। इसके बाद जिलाधिकारी ने महिला चिकित्सालय के किचन का निरीक्षण किया, जहां पर उन्होंने मरीजों को दिये जाने वाले भोजन के बारे में पूछताछ की तथा मौके पर पक रहे भोजन को खुलवाकर देखा, जिसकी गुणवत्ता ठीक नहीं पायी गई। जहां एक ओर जिस पर जिलाधिकारी ने रसोई संचालित करने वाले ठेकेदार को चेतावनी भी दी। किचन में भोजन पकाने वाले महिला से जिलाधिकारी ने उसको दिये जाने वाले वेतन के बारे भी पूछताछ की। जिलाधिकारी ने अस्पताल में डॉक्टरों की उपस्थिति की जानकारी प्राप्त की तथा बाहर से आने वाले डॉक्टरों को हिदायत दी कि वे मुख्यालय में ही रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ट्रामा सेण्टर में पर्मानेण्ट स्टाप रखने की व्यवस्था के लिए शासन को पत्र प्रेषित करने के लिए निर्देश भी दिये।

निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.प्रताप सिंह, अतिरिक्प जिला सूचना अधिकारी के.बी.मिश्र सहित चिकित्सा विभाग का अन्य स्टाप मौजूद रहा।

प्रत्येक प्रसूता महिला को सौ रुपया का मिलता है खाना

हैरत की बात है कि प्रसव कराने के बाद भर्ती होने वाली महिलाओं को दिये जाने वाला खाना 100 रुपये कीमत का होता है। लेकिन दुर्भाग्य कि जब नवागत डीएम रसोई में पहुंचे तो उन्हें कुकर में करीब एक किलो लौकी व एक पाव दाल ही अस्पताल में भर्ती 25 प्रसूता महिलाओं के लिए पकायी जाती हुई मिली। खाना वितरण में यह तथ्य भी सामने आया कि दाखिल हुईं 25 महिला प्रसूताओं में कुछ महिलायें खाना नहीं लेती है, जिस कारण उनको मिलने वाले खाने की धनराशि शासन को वापस होनी चाहिए, लेकिन ठेकेदार से सांठगांठ के चलते खाना वितरण हो या फिर न हो, धनराशि पूरी व्यय होना दिखाया जाता है। अब इससे स्वयं ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि रसोई के ठेकेदार द्वारा कितने बडक्वे पैमाने पर शासकीय धनराशि का दुरुपयोग कर स्वयं की जेब गर्म की जा रही है।

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