फिर लौटा ये खतरनाक एंड्रॉयड वायरस, बैंकों में कर रहा सेंधमारी
जितनी तेजी से डिजिटल वर्ल्ड बढ़ रहा है. उतनी ही तेजी से हैंकिग की दुनिया भी बढ़ रही है. हैकर्स हर दिन कोई न कोई नया तरीका हैंकिंग का निकाल ही लेते हैं. फिर चाहे कोरोना के जरिए बैंक अकाउंट को खाली करना हो या फिर फर्जी टिकटॉक ऐप के जरिए. हैकर्स का दिमाग आपकी सोच से भी ज्यादा तेज चलता है।
हैकर्स फिर ऐसा वायरस लेकर आये हैं, जो कि सेंकेड्स में लोगों के बैंक अकाउंट को खाली कर देगा. खतरनाक और पावरफुल एक पुराना एंड्रॉएड मैलवेयर तीन साल बाद फिर से वापस आ गया है. ये मैलवेयर यूज़र्स की बैंकिंग डिटेल और पर्सनल जानकारियों को चोरी करने में सक्षम है. लोगों को पता भी नहीं चलता है और कुछ ही सेकेंड्स में ये वायरस बैंक अकाउंट को खाली कर देता है।
इस वायरस का नाम है फेकस्काई. ये मैलवेयर अक्टूबर 2017 में स्पॉट किया गया था, जब इससे जापान और साउथ कोरिया के लोगों को निशाना बनाया था. उस समय हैकर्स ने इस वा.रस के जरिए सिर्फ दो ही देशों को निशाना बनाया था. लेकिन अब Cybereason Nocturnus के रिसर्चर्स ने पाया है कि फेकस्काई दुनियाभर के यूज़र को टारगेट कर रहा है।
अब ये वायरस सिर्फ जापान और साउथ कोरिया तक सिमित नहीं रहा है. ये मैलवेयर चीन, ताइवान, फ्रांस, स्विजरलैंड, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड स्टेट्स और बाकी देशों में अटैक कर रहा है. सिर्फ इतना ही नहीं ये वायरस पहले से भी ज्यादा पावरफुल हैं. ये वायरस इस वार नए तरीके से अटैक कर रहा है।
इस बार ये मैलवेयर यूज़र्स को डाक सेवा ऐप के रूप में मैसेज भेज कर बेवकूफ बना रहा है. ताकि जितनी देर में लोग कुछ समझे उतनी देर में उनका बैंक अकाउंट खाली हो जाये. दरअसल इस बार भी इस मैलवेयर की नज़र यूज़र्स के बैंक अकाउंट पर है. रिपोर्ट के मुताबिक ये मैलवेयर Smishing या SMS-फिशिंग अटैक के ज़रिए यूज़र्स को निशाना बना रहा है. ये यूज़र्स को एक SMS भेजता है जो उन्हें एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहता है।
जापान और कोरिया की साइबर सैल इस वायरस का तोड़ निकालने पर लगातार काम कर रही है. जापान और कोरिया के साइबर सैल के मुताबिक FakeSpy मैलवेयर के पीछे चाइनीज़ स्पीकिंग ग्रुप है, जिसे आमतौर पर रोमिंग मेंटिस के रूप में जाना जाता है. ये एक ऐसा ग्रुप है जिसे अतीत में इसी तरह के कैंपेन शुरू करने के लिए जाना गया है।