चीन के ओबीओआर के जवाब की तैयारी में अमेरिका
वॉशिंगटन, (भाषा)। अमेरिका, दक्षिण और दक्षिणपूर्वी एशिया में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं फिर से शुरू करेगा। इनमें भारत एक महत्वपूर्ण हिस्सेदार है। अमेरिका के इस कदम को चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एवं रोड पहल के संभावित जवाब के रूप में देखा जा रहा है। ट्रंप प्रशासन 'न्यू सिल्क रोड' पहल फिर से शुरू करेगा। इस परियोजना की घोषणा जुलाई 2011 में अमेरिका की तत्कालीन विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने चेन्नई में एक भाषण के दौरान की थी। इसके अलावा दक्षिण और दक्षिणपूर्वी एशिया को जोड़ने वाला भारत-प्रशांत आर्थिक गलियारा भी फिर से शुरू किया जाएगा। कल घोषित प्रशासन के पहले सालाना बजट में इन दो परियोजनाओं की संक्षिप्त रूपरेखा पेश की गई जिससे पता चलता है कि 'न्यू सिल्क रूट' निजी-सावर्जनिक साझेदारी की परियोजना होगी जिसमें भारत एक अहम साझेदार होगा। विदेश विभाग ने कहा कि दक्षिण और मध्य एशिया के लिए विदेश विभाग का बजट संबंधी अनुरोध इन दो पहलों में
मदद देगा।
ये परियोजनाएं हैं न्यू सिल्क रोड ःएनएसआरः जो अफगानिस्तान और उसके पड़ोसियों से संबंधित है जबकि दूसरी पहल भारत-प्रशांत आर्थिक गलियारा है जो दक्षिण एशिया और दक्षिणपूर्वी एशिया को जेड़ने के लिए है।
इसमें कहा गया, "एनएसआर का महत्व बढ़ गया है क्योंकि अफगानिस्तान में परिवर्तन का दौरा चल रहा है और अमेरिका 'अफगानी लोगों को सफल होने और अपने पैरों पर खड़े होने में' मदद देना चाहता है।