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ट्रूडो ने कनाडा के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर निज्जर का मुद्दा उठाया

👤 Veer Arjun | Updated on:12 April 2024 10:17 AM GMT

ट्रूडो ने कनाडा के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर निज्जर का मुद्दा उठाया

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ओटावा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि सरकार कनाडा के सभी लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए खड़ी है। ट्रूडो ने पिछले साल खालिस्तानी सिख अलगाववादी की हत्या के मुद्दे को भी उठाया। ट्रूडो ने कनाडा की चुनावी प्रक्रिया में विदेशी हस्तक्षेप के संबंध में की जा रही जांच में बुधवार को एक समिति के समक्ष गवाही दी। उन्होंने कहा कि कनाडा की पिछली सरकार की भारत सरकार के साथ निकटता थी।

स्थानीय मीडिया द्वारा साझा किए जा रहे ‘लाइव-स्ट्रीमिंग’ वीडियो के अनुसार ट्रूडो ने 2019 और 2021 के चुनावों के दौरान विदेशी हस्तक्षेप को लेकर खुफिया जानकारी मिलने के बाद सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए यह टिप्पणी की। पिछले साल 18 जून को सरे शहर में एक गुरुद्वारे के बाहर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी। ट्रूडो द्वारा निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संभावित संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।

भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताते हुए पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था। अपनी गवाही के दौरान ट्रूडो ने राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार की भूमिका, खुफिया जानकारी मिलने के बाद की गई कार्रवाई के बारे में भी बताया। उन्होंने चीन मूल के कनाडाई नागरिकों और चीन के प्रभाव के बारे में भी उल्लेख किया।वर्ष 2019 के चुनाव के तीन महीने बाद मिली एक खुफिया रिपोर्ट के बारे में भी ट्रूडो ने बात की।

उन्होंने कहा, हम कनाडा के लोगों के लिए हमेशा खड़े हुए हैं, जिसमें निज्जर की हत्या का बेहद गंभीर मामला भी शामिल है। मैंने संसद में यह मुद्दा उठाया था। यह कनाडा के लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।ट्रूडो ने विदेशी हस्तक्षेप के बारे में सरकार द्वारा कुछ नहीं किए जाने संबंधी आरोपों को तवज्जो नहीं दी। प्रधानमंत्री ने जांच समिति को विदेशी हस्तक्षेप से निपटने के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।ट्रूडो ने कहा, मुझे लगता है कि यह निश्चित रूप से एक सवाल है जो पिछली कंजर्वेटिव सरकार से पूछा जाना चाहिए जो भारत की वर्तमान सरकार के साथ अपने बहुत मधुर संबंधों के लिए जानी जाती थी।

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