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सेक्स के लती लोगों के दिमाग में क्या है?

👤 | Updated on:16 Sep 2016 1:12 AM GMT
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 सेक्स की लत वाले लोगों के दिमाग के इस पहले अध्ययन में ड्रग्स के आदी लोगों से उल्लेखनीय समानताएं सामने आई हैं। स बात को लेकर भी विवाद है कि क्या सेक्स क्रियाओं जैसे पोर्न देखने वाले लोगों को सेक्स की लत का आदी उसी तरह से कहा जा सकता है, जैसा किसी चेन स्मोकर को। कैंब्रिज विश्वविद्याल के शोधकर्ताओं ने पोर्न वीडियो देख रहे 19 लोगों के दिमाग का अध्ययन किया। शोध में पता चला है कि पोर्न देखते वक्त दिमाग के वही हिस्से सक्रिय हुए जो ड्रग्स के आदी व्यक्ति को पसंद का नशा दिखने पर होते हैं।ब्रेन स्कैनöशोध में शामिल दो लोग ऐसे हैं जिन्हें काम के दौरान पोर्न देखने के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी। उनमें से चार का कहना है कि पोर्न सेक्स सेवाएं देने वालों तक पहुंचने का रास्ता है।शोधकर्ताओं ने सेक्स विचारों से प्रभावित लोगों और सामान्य स्वस्थ लोगों के दिमागों की तुलना भी की। पहला अध्ययनöशोध में शामिल कैंब्रिज विश्वविद्याल की डॉक्टर वेलेरी वून ने बीबीसी से कहा कि यह इस दिशा में पहला अध्ययन है और नतीजों के आधार पर स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा जा सकता कि इसे सेक्स की लत कहा जाए या नहीं। उन्होंने कहा कि जितनी कम उम्र में लोग नशे के पदार्थों के संपर्प में आते हैं उतनी ही ज्यादा संभावना उनके आदी बन जाने की होती है। एसोसिएशन फॉर ट्रीटमेंट ऑफ सेक्स एडिक्शन एंड कंपलसिविटी से जुड़ी पॉला हॉल कहती हैं कि इंटरनेट अब चौबीस घंटे सेक्स सामग्री उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने बीबीसी न्यूज से कहा कि ऐसे युवाओं की संख्या बढ़ रही है जो अपना जोश बरकरार नहीं रख पाते हैं क्योंकि पोर्न सामग्री पर उन्होंने अपनी ऊर्जा खर्च कर दी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को सेक्स का आदी कहना विवादित होगा क्योंकि अभी इस दिशा में पूरी तरह शोध नहीं किए गए हैं। -हरनेक सिंह, उत्तम नगर, दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में खेती करने का खुला आमंत्रण दक्षिण अफीका के फी रॉयल स्टेट के प्रीमियर ईएस मगशुले ने शुक्रवार को सूबे के किसानों को दक्षिण अफीका आकर खेती करने का खुला आमंत्रण देते हुए कहा कि वहां सरकार किसानों को जमीन सहित अन्य जरुरी सुविधाएं मुहैया कराएगी। प्रदेश सरकार की विज्ञप्ति के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार के आमंत्रण पर मगशुले के नेतृत्व में प्रदेश के दौरे पर आए 26 सदस्यीय दक्षिण अफीका के दल ने कृषि उपज मंडी और परदेशीपुरा स्थित इलेक्ट्रॉनिक रेडीमेड कॉम्प्लेक्स का अवलोकन किया। इस दौरान मगशुले ने कृषि उपज मंडी समिति में किसानों से चर्चा करते हुए उन्हें दक्षिण अफीका के फी रॉयल स्टेट में आकर खेती करने का खुला आमंत्रण दिया और कहा कि हमारी सरकार किसानों को जमीन सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। मगशुले ने कहा, हमारे यहां अपार भूमि खाली है और उस पर कोई खेती नहीं हो रही है। यदि यहां से कोई किसान वहां जाकर खेती करना चाहे तो हम उन्हें जमीन उपलब्ध कराएंगे। दल ने यहां स्थित सोयाबीन अनुसंधान निदेशालय के रिसर्च सेंटर का अवलोकन किया। इस मौके पर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त एमएम उपाध्याय तथा रिसर्च सेंटर के निदेशक एसके श्रीवास्तव ने दल के सदस्यों को सोयाबीन की खेती, उत्पादन, उत्पादकता और उसके महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। -सौरभ जैन, कंझावला, दिल्ली। पति-पत्नी दोनों कमाते हों तो खुशहाल जिंदगी यदि आपकी पत्नी आपसे अधिक शिक्षित है और अधिक कमाती है तो आप अपनी शादीशुदा जिंदगी के खुशहाल रहने को लेकर आश्वस्त रह सकते हैं। एक नए अध्ययन के मुताबिक, पुराने चलन से अलग इस तरह का दांपत्य अब रिश्तों को अधिक जिंदादिल बना रहा है और ऐसे दंपतियों के बीच रिश्ते खत्म होने या तलाक के खतरे को कम कर रहा है। अमेरिका के विस्कॉन्सिन राज्य स्थित युनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन मेडिसिन में मनोविज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर क्रिस्टीन आर. श्वार्ट्ज के मुताबिक अध्ययन से दांपत्य जीवन के नए रुझान का पता चलता है। अब कमाऊ पति और गृहणी पत्नी की विचारधारा बदल रही है। अब विवाह को लेकर एक समानतावादी सोच सामने आ रही है, जिसमें औरतों के वजूद को पुरुषों से खतरा कम है। अध्ययन के अनुसार, अमेरिका में वर्ष 2005 से 2009 के बीच शादी करने वाले युगलों में 60 प्रतिशत संख्या ऐसे दंपतियों की है, जिसमें पत्नी, पति की अपेक्षा अधिक शिक्षित हैं। यह औसत वर्ष 1950 के दशक में केवल 35 प्रतिशत था। वर्ष 1990 के दशक में या उसके बाद शादी करने वाले दंपतियों में पत्नी के अधिक शिक्षित होने को तलाक के खतरे से जुड़ा नहीं पाया गया। श्वार्ट्ज ने कहा कि पुरुष और स्त्रियों के बीच अब जो संबंध बन रहे हैं, उसमें महिलाओं की शैक्षणिक योग्यता अपेक्षाकृत अधिक रहती है। यही बात पति-पत्नी के संबंध में भी लागू हो रही है, जहां पुराने चलन से अलग पत्नी, पति की तुलना में अधिक शिक्षित हो रही हैं। अध्ययन के मुताबिक, जहां तक किसी की शैक्षणिक उपलब्धि, विवाह और तलाक के खतरे की बात है, युगल अब जनसांख्यिकीय आंकड़ों की वास्तविकता को स्वीकार कर रहे हैं कि महिलाएं, पुरुषों से अधिक शिक्षित हैं। श्वार्ट्ज ने कहा कि इन दिनों अधिकतर युवा समानतावादी विवाह में यकीन रखते हैं, भले वे अक्सर इसका अनुपालन नहीं करते। यह अध्ययन द रिवर्सल ऑफ द जेंडर गैप इन एजुकेशन एंड ट्रेंड्स इन मैरिटल डिजॉल्यूशन शीर्षक से अमेरिकन सोशियोलॉजिकल रिव्यू जर्नल में प्रकाशित हुआ है। -मनोज सक्सेना, करावल नगर, दिल्ली। मिर्च कैंसर के बचाव में कारगर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधार्थियों का कहना है कि मिर्च के तीखापन कैंसर से बचाव के लिए कारगर साबित हो सकता है। मिर्च के तीखेपन के लिए जिम्मेदार यौगिक प्रॉस्टेट ग्रंथि में कैंसर की कोशिकाओं को मारने वाला साबित हो सकता है। शोध करने वालों ने अपने अध्ययन में पाया कि मिर्च के यौगिक कैप्सकिन की मदद से एक दिन ऐसा इंजेक्शन या दवा की गोली बनाई जा सकेगी जो कैंसर से बचाने वाली साबित होगी। शोध करने वाले अशोक कुमार मिश्रा और जितेंद्रिया स्वैन ने पाया कि इस यौगिक की उच्च मात्रा कोशिकीय झिल्ली को तोड़ने वाली साबित हो सकती है और यहीं से कैंसर के उपचार का रास्ता निकल सकता है। करीब 10 साल पहले हुए एक शोध में पाया गया था कि कैप्सकिन चूहों में प्रॉस्टेट कैंसर सेल को मारने में कारगर है जबकि अन्य स्वस्थ कोशिकाएं इससे अछूती रहीं। हालांकि इसे मनुष्यों में लागू करने पर यह पता चला कि सकारात्मक परिणाम के लिए लोगों को प्रतिदिन काली मिर्च की एक अच्छी मात्रा का सेवन करना होगा। इसके बाद शोध करने वालों ने कैप्सकिन पर अपना और ध्यान केंद्रित किया ताकि भविष्य की नई दवाओं पर इसके असर को समझा जा सके। यह अध्ययन फिजिकल केमिस्ट्री बी जर्नल में प्रकाशित हुआ है। -नीलम शर्मा, विकासपुरी, दिल्ली। खाने के बाद नहाना हानिकारक है यदि कोई व्यक्ति खाने करने के बाद तुरंत नहा लेता है तो इससे कफ बढ़ता है। भोजन के तुरंत बाद पैदल चलना, दौड़ना, आग तापना आदि से वात रोग बढ़ते हैं। इन रोगों से शरीर कमजोर होता है और वृद्धावस्था जल्दी आती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार यहां जानिए किस समय कौन से काम नहीं करना चाहिए। ये हैं कफ बढ़ाने वाले काम। यदि कोई व्यक्ति भोजन के बाद तुरंत नहा लेता है तो इससे कफ बढ़ता है। बिना प्यास के पानी पीना। बासी भोजन करना। शरीर पर तिल के तेल से मालिश करना। बहुत अधिक पके हुए केले खाना। रात को सोने से पहले दही का सेवन करना। वर्षा के जल में भीगना। अत्यधिक मूली खाना। इनसे कफ की वृद्धि होती है। कफ के कारण पौरुष शक्ति कम होती है। इन सभी कामों से बचना चाहिए। पित्त बढ़ाने वाले काम यदि कोई व्यक्ति अधिक समय तक भूखा रहता है, समय पर संतुलित भोजन नहीं करता है, दूषित खाना खाता है तो पित्त संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। अतः खान-पान के समय को लेकर सावधानी रखनी चाहिए। वात बढ़ाने वाले काम भोजन के तुरंत बाद पैदल चलना, दौड़ना, आग तापना आदि। भोजन के तुरंत बाद कुछ देर वज्रासन में बैठना चाहिए। ऐसा करने पर वात रोग नहीं होते हैं। लगातार दुखी रहना। सदैव चिंता करना।  बहुत अधिक रूखा भोजन करना। अधिक उपवास करना। अत्यधिक डर-डरकर जीवन व्यतीत करना। -मुकेश चौहान, नरेला, दिल्ली।    

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